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नवप्रकारके विकृति के नामका निरूपण २५८-२६० शरीरके नव छिद्रोंका निरूपण
२६१ नव प्रकारके पुण्यका निरूपण
२६२-२६३ पापके कारणोंका निरूपण पापश्रुतका निरूपण
१६५-२६६ निपुण पुरुषका निरूपण
२६७-२६९ साधुके गणका निरूपण
२७०नवकोटि (नववाड) से शुद्ध भिक्षाका निरूपण २७१-२७२ ईशान देवेन्द्र के अग्रमहिषीका निरूपण
२७३देवनिकायके स्वरूपका निरूपण
२७४अव्यावाध देव के ग्रैवेयक विमान प्रस्तरका निरूपण २७५-२७६ आयुके परिणामका निरूपण
२७७भिक्षुमतिमाके स्वरूपका निरूपण
२७९प्रायश्चित्त के स्वरूपका निरूपण
२८१-२८२ दक्षिण भरतमें रहे हुवे सिद्धादिकूटोका निरूपण २८३-२८८ आंतररोगके कारण कर्मविशेषका निरूपण २८९-२९० तीर्थकरादिके नाम गोत्रमाप्त करनेवाले श्रेणिक आदिकोंका निरूपण
२९१-२९२ भावी मध्यमतीर्थकर केवलीके स्वरूपका निरूपण २९३-२९९ श्रेणिकके तीर्थकरत्वका निरूपण
३००-३२८ महापद्मजिनके द्वारा प्ररूपित होनेवाले आरम्भ आदि स्थानोंका निरूपण
३२९-३३२ नक्षत्रविशेषका निरूपण
३३३ कल्पविशेष में रहे हुए विमानकी संख्याका निरूपण ३३४ ऋषभ कुलकर विशेष ऋषभ प्रवर्तित प्रवृत्तिका निरूपण ३३५-३३६ ग्रह विशेष वीथि प्रमाणका निरूपण
३३७ नव प्रकारके नो कषायका निरूपण
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શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૫