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________________ क्षेत्राधिकारसे जम्बूद्वीपान्तर्गत पदार्थोका निरूपण १६६पर्वतके ऊपर रहे कूटोंका निरूपण १६७-१७८ देवकल्प और देवेन्द्रों के विमानका निरूपण १७९-१८० तपोविशेषका निरूपण १८१-१८४ संसारसमापन्नक जीवोंका निरूपण १८५-१८६ आठ प्रकारके संयमोंके स्वरूपका निरूपण १८७-१९० आठ प्रकारकी पृथिवी के स्वरूपका निरूपण १९१-१९२ शुभानुष्ठान श्रवणसे आठ स्थानों के स्वरूपका निरूपण १९३-१९७ महाशुक्र सहस्रार विमानके उच्चत्वका निरूपण १९८ आठपकारके सामायिक और केवली साद्घातका निरूपण१९९-२०२ देवताओं के स्वरूपका निरूपण २०३-२०६ नक्षत्रोंके स्वरूपका निरूपण २०७-२०८ पुरुषवेदनीय कर्म के स्वरूपका निरूपण २०९-२१० पुद्गलोंके चय और उपचयका निरूपण २११-२१२ नयवें स्थानका प्रारंभ सांभोगिकोंको विसांमोगिक करनेका निरूपण २१३-२१४ आचारांगके ब्रह्मचर्यरूप नब अध्ययनोंका निरूपण २१५-२१८ ब्रह्मचर्य गुप्ति के स्वरूपका निरूपण २१९-२२३ ब्रह्मचर्यके नवविध अगुप्ति के स्वरूपका निरूपण २२४-२२६ नव प्रकारके सदभाव पदार्थका निरूपण २२७नव प्रकार के संसारी जीवोंके गतिआगति आदिका निरूपण २२८-२३४ जीवोंके रोगोत्पत्ति के निमित्तका निरूपण २३५-२३६ आंतररोगके कारणका निरूपण २३७-२४० चन्द्रयोगी नक्षत्रोंका निरूपण २४१-२४२ वर्तमान अवसर्पिणीमें बलदेव वासुदेवके पिताका निरूपण २४३-२४७ चक्रवर्ती के महानिधिका निरूपण ૨૧૮ શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર :૦૫
SR No.006313
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 05 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1966
Total Pages737
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size39 MB
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