SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 12
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १९ २० २१ २२ २३ २४ of २५ २६ २७ २८ भगवान महावीर के द्वारा प्रवजित हुए आठ राजाओंका निरूपण आहार के स्वरूपका निरूपण कृष्णराजी और तद्गत लोकान्तिक विमान और देवोंके स्वरूप निरूपण २९ ३० ३१ ३२ ३३ ३४ ३५ ३६ ३७ ३८ ३९ ४० पापशास्त्रका निरूपण वचनविभक्तिके स्वरूपका निरूपण आयुर्वेद के स्वरूपका निरूपण शादि देवेन्द्रकी असमारंभ और समारंभ से संयमासंयमका निरूपण आठ प्रकारके सूक्ष्मजीवका निरूपण सिद्ध के स्वरूपका निरूपण दर्शनोंके स्वरूपका निरूपण अदौपम्य कालके स्वरूपका निरूपण ४१ ४२ महिषियोंका निरूपण धर्मादि चारके मध्यभागका आठस्थानोंसे निरूपण भविष्यके तीर्थंकर द्वारा प्रयतित होनेवाले राजाओंका निरूपण कृष्णकी अग्रमहिषियोंका निरूपण आठ प्रकार के गतिका निरूपण अन्तद्वपका निरूपण चक्रवर्ती रत्नविशेषका निरूपण योजनके प्रमाणका निरूपण जम्बूस्वामी आदिकोंका निरूपण जम्बू मन्दरमें रही अन्य वस्तुओंका निरूपण तीर्थकरके स्वरूपका निरूपण दीर्घता आदिकोंका निरूपण मन्दर चूलिकाका निरूपण શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૫ ९०-९४ ९५-१०१ १०२-१०५ १०६-१०७ १०८-१११ ११२-११३ ११४-११६ ११७ ११८-१२१ १२२-१२६ १२७ १२८-१३३ १३४ १३५ १३६ - १३७ १३८ - १३९ १४०-१४२ १४३-१४४ १४५-१४६ १४७-१४९ १५०-१५४ १५५-१५६ १५७-१६२ १६३-१६५
SR No.006313
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 05 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1966
Total Pages737
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size39 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy