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४३३-४३७ ४३८-४६० ४६१-४६७
कालकेव्यञ्जक ज्योतिष्कोंका निरूपण जम्बूद्वीपकी वेदिकाका निरूपण द्वीपसमुद्रोंके इन्द्रका निरूपण
दूसरे स्थानका चौथा उद्देशक चौथे उद्देशककी अवतरणिका समयादिका निरूपण ग्रामादि वस्तु विशेषका जीवाजीवरूपका निरूपण । बन्धका निरूपण आत्माके निर्वाण (मोक्ष) का निरूपण केवलि प्रज्ञप्त धर्मलाभका निरूपण पल्योपम सागरोपमका निरूपण क्रोधादिकोंके स्वरूपका निरूपण असिद्ध जीवोंके स्वरूपका निरूपण प्रशस्त-अप्रशस्त मरणका निरूपण लोभके स्वरूपका निरूपण बुद्ध-मृढ आदि जीवोंका निरूपण ज्ञानावरणीयादि कर्मों के द्वैविध्यका निरूपण मूर्छाके स्वरूपका निरूपण आराधनाके स्वरूपका निरूपण तीर्थकरके स्वरूपका निरूपण तीर्थकर प्ररूपित भावों का निरूपण भवनपत्यादिकोकी स्थितिका निरूपण देव संबंधी वक्तव्यता जीव और पुद्गलके स्वरूपका निरूपण
तीसरे स्थानका पहला उद्देशक तीसरे स्थानककी अवतरणिका इन्द्रके स्वरूपका निरूपणम् विकुर्वणाके स्वरूपका निरूपण नैरयिकोंके स्वरूपका निरूपण
४६८४६९-४७९ ४८०-४८७ ४८८-४९५ ४९६-४९९ ५००-५०१ ५०२-५०८ ५०९-५१० ५११-५१५ ५१६-५२६ ५२७-५२८ ५२९-५३०
५४० ५४१-५४३ ५४४-५४५ ५४६-५४८
५४९ ५५०-५५१ ५५२-५५७
२२
५५८ ५५९-५६२ ५६३-५६६ ५६७-५६९
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શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૧