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इक्कीसवां अध्ययन : समुद्रपालीय
१. चम्पा (नगरी) में 'पालित' नाम का (एक) वणिक् श्रावक (रहता) था। वह महात्मा (विराट् पुरुष) भगवान् महावीर का शिष्य (प्रतिबोधित गृहस्थ ) था ।
२. वह श्रावक निर्ग्रन्थ प्रवचन का विशिष्ट ज्ञाता था । (एक बार) जल-यान से विहार करते हुए (वह) व्यापार हेतु 'पिहुण्ड' (नामक) नगर में आया ।
३. पिहुण्ड (नगर) में व्यापार करते हुए, उस (पालित) को (एक) वणिक् ने (अपनी) कन्या (पत्नी के रूप में) दी। कुछ समय बाद, वह (अपनी उस) गर्भवती (पत्नी) को लेकर स्वदेश की ओर प्रस्थित हुआ।
४. 'पालित' (श्रावक) की धर्मपत्नी ने समुद्र में बालक को जन्म दिया। तदनन्तर, वह बालक वहां (समुद्र में) उत्पन्न हुआ था, (इसलिए उसका) 'समुद्रपाल' नाम रखा गया ।
५. (वह 'पालित' नामक) वणिक् श्रावक सकुशल (अपने) घर 'चम्पा' (नगरी) में आ गया। उसके घर में वह (बालक) सुखोंचित (रीति से) बढ़ने लगा ।
अध्ययन- २१
उद्द
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2014
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