________________
द्वितीयशाखा-रौद्रध्यान.
७अंग्रेजी दवाइयों, ८ साबन मेणवत्ती, ९रेशमी कपडे, १०खराब केशर, ११चरबीका घृत (घी) वगैरे हिंशक वस्तुका भोगोप भोग करते मनमें जो मजा . मानते हैं, वोभी हिंशानुबन्ध रौद्रध्यान गिना जाता है. ___ ऐसेही बोर, मूले प्रमुखकी भाजी, जुवार बाजरीके भुट्टे, सुला अनाज व औषधी, विना देखे कोईभी सजीव वस्तु भोगवते मजा माननेसे भी, हिंशानुबन्ध रौद्रध्यान गिना जाता हैं, क्यों कि इनमें त्रस जीवोंका विशेष संभव हैं.
महाभारत संग्रामोंके इतीहास कथा पढते सुनते जो उसकी मनमें अनुमोदन होवे, सो भी हिंशानुबन्ध रौद्रध्यान. ७अंग्रेजी दवाइयोंमे जानवरोके मांसका अर्क व दारूका भेल होता है काडलीवर आइल यह मच्छीका तेल होता है, ऐसी वहुतमी है. (साबू मेणवत्तीय चरवीका भेल होता है ९किन्नेक केशरमें मांस के छोते होते है. 1. रेशमी कीडेको गरम पासे मार रेशम लेते हैं. ११कित्नेक घी (घृत ) में भी चरबी का भेल आता है. ऐसी अखवारोंमें बहुदा खबरें प्रगट हूइ है, और उसे पढके वरोक्त वस्तु छोडते नहीं हैं उन्हे आयकेसे कहना.