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जितं जगत् केन ? मनो हि येन ।
(शंकर प्रश्नोत्तरी - 11 ) - सारे जगत् को किसने जीता? जिसने अपने को जीत लिया।
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जितेन्द्रिय व मनोजयी व्यक्ति की विषयभोगों में प्रवृत्ति नहीं होती । वैराग्य व अनासक्ति के साथ-साथ समत्व - दृष्टि को विकसित करते हुए वह 'मोक्ष' की यात्रा में सतत अग्रसर रहता है- इस शाश्वत सत्य को वैदिक व जैन- इन दोनों धर्मों ने अपनेअपने तरीके से व्याख्यायित किया है।
तृतीय खण्ड, 449