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२ काळवादी आदि जांणी जी, मत आणी मारग उथापवा।
'कुबध्यां केलवीया कूर"। औ 'पाखंड घोचा'२ पोचार जी, कांइ ग्यांन करै गिरवा मुनी।
चरचा कर कीया चकचूर। सांम. ३ संख उजल श्रीकारी जी, पयधारी दोनूं दीपता।
नहीं बिगडै दूध लिगार।। ज्यूं थे तप-जप किरिया कीधी जी, कर लीधी आतम ऊजली।
__पय 'दस जती धर्म' धार। सांम. ४ कंबोज देस नों घोड़ो जी, अति सोरौ करै सिरदार नै।
नहीं आंणै अहिल' लिगार।। भवियण नै थे तारया जी, उतारया पार संसार थी।
सुखे जासी मोख मझार।। सांम. ५ सूर सिरोमण साचौ जी, नहीं काचो लड़तां कटक मैं।
सुवनीत अश्व असवार॥ ज्यूं थे कर्म कटक दल दीधौ' जी, जस लीधौ जाझौ- जगत मैं।
चढ़ सुतर अश्व श्रीकार। सांम. ६ हाथी हथण्यां परवारे जी, बल धारै दिन-दिन ही वधै।
साठ वरस सुध मांन। . ज्यूं थे तयाली वरस लग जाझा जी, तप ताजा तेज तीखा रह्या।।
प्राक्रम पिण परधांन। सांम. ७ वरषभ सींग खंध भारी जी, सिरदारी गायां गण मझे।
ठेट भार वहै भली भंत॥ ज्यूं थे गण भार ठेट निभाया जी, चलाया तीरथ चूंप सूं।
सहु साधां मैं सोभंत।। सांम.
१. कुबुद्धि वाले व्यक्तियों ने मिथ्या प्रचार ४. क्षांति, मुक्ति आदि। किया।
५. तकलीफ। २. पाखंड (शास्त्र-विरुद्ध आचरण करने ६. संग्राम। वाले तिनके)
७. पछाड़ दिया। ३. कमजोर।
८. बहुत।
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भिक्खु जश रसायण