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१४ सुपर्ने सूरत स्वाम नी रे, देखत ही सुख होय। ___ प्रत्यख नौं कहिवौ किसूं रे, सरण आपनौं मोय।। रे जीव! १५ आदि जिणंद तणी परै रे, ओळखायौ सरधा आचार।
जनम-जनम किम वीसरै रे, तुझ गुण अनघ अपार।। रे जीव! १६ वारू ढाळ छवीसमी रे, भीखू गुण मुझ चीत।
याद आयां हियौ हूलसै रे, परम आप सूं पीत॥ रे जीव!
भिक्खु जश रसायण : ढा. २६