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उत्तर
१६ साहजी 'डीला मैं", किसाइक छै जांणी रे।
सुखसाता अछै, पूछ हरखांणी रे॥ भीक्खू. १७ साहजी कठै पोढे, किण जागा बैसै रे। ___ बात सारी कहौ, सुणनै अति उलसै रे॥ भीक्खू. १८ कोई कारण नहीं छै, साहजी रै तन में रे?
सांभळी, त्रिय हरखै मन मैं रे॥ भीक्खू. १९ साहजी कहौ मुझ नैं, समाचार कह्या छ रे।
इहां आसी कदी, वर्ष बौहत थया छै रे॥ भीक्खू. २० दिन-रात्रि हूं तौ दिल, अति चिंता करती रे॥
कागद नां दीयौ, मन मैं दुख धरती रे। भीक्खू. २१ कासीद कहै-सुणौ, साहजी नां जाबो रे॥ __एम कह्यौ सही, आवां छां सताबो रे। भीखू.
२२ पिण कोयक कारण सूं, अल्प दिन री जेजो रे। ____ मुझ नैं मेलीयौ, सुण वाध्यौ हेजो रे॥ भीक्खू. २३ समाचार आप नैं, साहजी कहिवाया रे। ___म्हे ताकीद सूं, आया कै आया रे॥ भीक्खू. २४ पेदास' घणी छै, सुख सूं तुम रहीजो रे।
किण ही बात री, मन फिकर म कीजो रे॥ भीक्खू. २५ समाचार ज्यूं-ज्यूं कहै, त्यूं-त्यूं मन हरखै रे। राजी
घणी, कासीद नैं निरखै रे॥ भीक्खू. २६ कासीद नै देखी, हरखै अति नारी रे।
ते कहै पिउ तणी, वतका अति प्यारी रे।। भीख. २७ एहवौ वृतंत देखी, कहै अजांण एमो रे।
इण दलद्री थकी, पतिव्रता नौ पेमो रे॥ भीक्ख. २८ सुण बोल्यौ सेणौं, नहीं इण तूं प्यारो रे।
पिउ समाचार थी, हरखी है नारो रे॥ भीक्खू. १. शरीर में
५. हेत/स्नेह। २. बीमारी।
६. शीघ्रता। ३. शीघ्र।
७. आमदनी। ४. देरी।
८. वार्ता
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भिक्खु जश रसायण : ढा. २३