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३ नर-नारी आप नैं, देखी हुवै राजी रे।
कर जोड़ी करै, जन कीरत जाझी रे॥ भीक्खू. ४ पुनवंता परतख, नर-नारी निरखै रे।
सूरत देख नैं, हिवडै अति हरखै रे॥ भीक्खू. ५ घणा लोक लुगायां नैं, आप वलभर लागौ रे।
ते कारण किसौ, यां रै हरख अथागो रे? भीक्खू. ६ इसौ गुण कांइ आप मैं, ते मुझ नैं बतावौ रे। सखरपणे __ सही, दिल मैं दरसावो रे॥
भीक्खू ऋष भण॥ ७ भीखू इम भाखै, इक सेठ प्रदेशै रे।
वर्ष बहु . बीतीया, त्रिय छै निज देशै रे॥ भीक्खू. ८ ते नार पतिव्रता, सीले गहगहती रे।
निज पीतम थकी, अति प्रेमे रहती रे॥ भीक्खू. ९ घणां महिना हुआ, कागद नहि आयो रे।
त्रिय चिंता करै, मन पीतम माह्यो रे॥ भीक्खू. १० ते सेठ प्रदेश थी, कासीद पठायौ रे।
खरची दे करी, तिण पुर ते आयौ रे॥ भीक्खू. ११ सेठ तणी हवेली, आय ऊभौ तायो रे।
किणहिक पूछीयौ, किण पुर थी आयौ रे? भीक्खू. १२ लियौ नाम ते पुर नौं, नारी सुण हरखी रे।
बारणे, नैणां तसुं निरखी रे॥ भीक्खू. १३ कासीद नैं देखी, हिवड़े हरखांणी रे। सुखसाता
सुणी, रूं रूं विगसांणी रे॥ भीक्खू. १४ ऊन्हा पाणी सूं, उण रा पग धोवै रे।
आणंद जल भा, नेत्रां सूं जोवै रे॥ भीक्खू. १५ वर भोजन करनै, क. बैस जीमावै रे।
वलि-वली, समाचार सुहावै रे॥ भीक्खू.
आवी
पूछे
१. बल्ल
भ (क)।
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भिक्खु जश रसायण