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________________ उपदेश व्यवहारनय के साथ उनकी उपयोगिता और उपादेयता बतलाते हुए कहते हैं कि यद्यपि महात्मा लोग निश्चय नय को अपना हितकर तथा व्यवहारनय को अहितकर कहते हैं फिर भी हे शिष्य यह समझ लें कि निश्चय नय व्यवहार नय पूर्वक ही होता है, क्योंकि धान्य भूसे के बिना नहीं होता । शान्त रस का एक और निदर्शन कर्मनिर्हरण्कारणोद्यमः पोरुषोऽर्थ इति कथ्यतेऽन्तिमः । सत्सुतत्स्वकृतमात्र सातनः श्रावकेषु खलु पापहापनम् ॥ मुनिराज मोक्ष की उपादेयता बताते हुए कहते है कि पुरुषार्थों में अन्तिम • मोक्ष-पुरुषार्थ कर्मों के अभाव का कारणरूप उद्यम है । वह त्यागी तपस्वियों में तो अपने किये विहित कर्म मात्र का नाशक है। किन्तु श्रावकों के लिए निश्चय ही वह पापों का नाशक है। - संसार की निःसारता आलम्बन विभाव है, मुनिराज का उपदेश उद्दीपन विभाव है, मोक्ष की महत्ता अनुभाव है । शम स्थायी भाव होने से शान्त रस की पुष्टि होती है। शान्त रस की एक और बानगी द्रष्टव्य है क्षणरूचिः कमला प्रतिदिडमुर्ख सुरधनुश्चलमेन्द्रियिकं सुखम् । विभव एष च सुप्तविकल्पवदहह दृश्यमदो ऽखिलमंश्रुवम् ॥ जब जयकुमार व सुलोचना तीर्थयात्रा पर जाते है तब वहाँ कांचना नामक देवी जयकुमार के सील की परीक्षा के लिए आती है लेकिन जयकुमार अपने सदाचरण से विचलित नहीं होते हैं । इस घटना से उनके मन में वैराग्य भाव की उत्पत्ति होती है और वह अपने पुत्र का राज्याभिषेक करके वन में चले जाते हैं । उनको संसार की निःसारता का पता चलता है और दिगम्बर मुनि बन जाते हैं । धन सम्पत्ति प्रत्येक दिशाओं में चमकने वाली बिजली के समान है, इन्द्रियजन्य सुख चंचल है और पुत्र पौत्रादि रुप वह वैभव स्वप्न के समान है । खेद है कि दिखायी दे वाला सब कुछ अनित्य है, स्थिर रहने वाला नहीं है । शान्तरस की शीतलता देखिए हे देव दोषा वरणप्रहीण! त्वामाश्रयेद् भक्तिवशः प्रवीणः । नमामि तत्वाधिगमार्थमारान्न भामितः पश्यतु भारधारा ॥ 1. जयोदयमहाकाव्य, पूर्वार्ध, 2/22 2. वही उत्तरार्ध, 25/3 3. वही 26/72 261
SR No.006277
Book TitleAacharya Kshemendra Dwara Pratipadit Chamatkaratva ke Pariprekshya me Aacharya Gyansagar Dwara Virachit Jayoday Mahakavya ka Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansagar
PublisherDigambar Jain Dharm Prabhavna Samiti
Publication Year2001
Total Pages310
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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