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15. जयोदय महाकाव्य परिशीलन (सम्पादन) 16. सुदर्शनोदय - अंग्रेजी अनुवाद (सम्पादन)
अनु. डॉ. बलजीत सिंह 17. समुद्रदत्त चरित्र - अंग्रेजी अनुवाद (सम्पादन)
___ अनु. डॉ. राजहंस गुप्ता 18. आचार्य ज्ञानसागर और उनकी साहित्य साधना (सम्पादन)
जयोदय महाकाव्य का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन नामक अभिनव पुष्प भी उन्हीं की प्रेरणा से प्रकाशित होकर पाठकों के कर कमलों में सुशोभित होने वाला है। मैं उनके इस साहित्य प्रेम के प्रति नतमस्तक हूँ। प्रत्येक साधु इस प्रकार साहित्य प्रकाशन का प्रेरणा स्रोत बन जाय तो दिगम्बर जैन साहित्य की सैकड़ो कृतियाँ ग्रन्थ भण्डारों से निकलकर जन जन के स्वाध्याय का केन्द्र बन सकती है और साहित्य प्रकाशन के क्षेत्र में दिगम्बर जैन समाज पिछड़ा न रहे। मैं मुनि श्री के ज्ञान गाम्भीर्य, प्रतिभा, विद्या और विद्वानों के प्रति अनुराग, तीर्थसंरक्षण और श्रावक संस्कारों के उन्नयन में योगदान रूप अनेक गुणों के कारण उनके प्रति नतमस्तक हूँ तथा उनके प्रसाद से निरन्तर जिनवाणी की आराधना करता रहूँ, यही सुझाव व्यक्त करता हूँ। जैनं जयतु शासनम् ।
- रमेशचन्द्र जैन
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