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एक प्रसंग ऐतिहासिक भी है-इस पर्व के सम्बन्ध में । मेवाड़ की रानी कर्णावती पर जब बहादुरशाह ने हमला किया तो उसने मुगल शासक हुमायूँ को राखी भेजी । हुमायूँ उस समय बंगाल में था । वह तुरन्त मेवाड़ आया अपनी राखी भेजने वाली बहन की रक्षा के निमित्त ।
इस कथा से बहन-भाई का निश्छल प्रेम प्रगट होता है । हुमायूँ मुसलमान था और कर्णावती हिन्दू । फिर भी वह आया । इससे स्पष्ट होता है कि बहन का प्रेम मजहब से बड़ा होता है, धर्म-सम्प्रदायों की दीवारों में इतनी शक्ति नहीं होती कि बहन-भाई के प्यार को रोक सके ।
___ यह प्रेम का पर्व रक्षा का त्यौहार है। आशा करनी चाहिए कि इसी रूप में इस पर्व को मनाया जायेगा ।
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