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________________ जैन धर्म की श्वेताम्बर परम्परा में प्रचलित तप-विधियाँ...35 इस तप का यन्त्र न्यास इस प्रकार है - कनकावली 6 GOROSEGA {एक परिपाटी का काल 1 वर्ष, 5 मास, 12 दिन तपस्या काल 'चार परिपाटी का काल 5 वर्ष, 9 मास, 18 दिन (एक परिपाटी के तपोदिन 1 वर्ष, 2 मास, 14 दिन चार परिपाटी के तपोदिन 4 वर्ष, 9 मास, 26 दिन पारणा दिन {एक परिपाटी के पारणे 88 चार परिपाटी के पारणे 352 तप के दिन 10 12 22227 2122 1221 22 -22 NNNN • प्रचलित विधि के अनुसार इस तप की विशिष्ट आराधना के लिए 'नमो अरिहंताणं' पद की 20 माला और साथिया आदि 12-12 करें। आराधना यन्त्र यह है - साथिया खमासमण कायोत्सर्ग माला 12 12 20 12
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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