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26...सज्जन तप प्रवेशिका
नौवें माह में - नौ-नौ उपवास पर पारणा करने से सत्ताईस उपवास और तीन पारणा मिलकर तीस दिन होते हैं।
दसवें माह में - दस-दस उपवास पर एक-एक पारणा करने से तीस उपवास और तीन पारणा के दिन मिलाकर तैंतीस दिन होते हैं।
ग्यारहवें माह में - ग्यारह-ग्यारह उपवास पर पारणा करने से तैंतीस उपवास और तीन पारणा मिलकर छत्तीस दिन होते हैं।
बारहवें माह में - बारह-बारह उपवास पर पारणा करने से चौबीस उपवास और दो पारणा के दिन मिलाकर छब्बीस दिन होते हैं।
तेरहवें माह में - तेरह-तेरह उपवास पर पारणा करने से छब्बीस उपवास और दो पारणे के दिन मिलकर अट्ठाईस दिन होते हैं।
चौदहवें माह में - चौदह-चौदह उपवास पर पारणा करने से अट्ठाईस उपवास और दो पारणा मिलकर तीस दिन होते हैं।
पन्द्रहवें माह में - पन्द्रह-पन्द्रह उपवास पर पारणा करने से तीस उपवास एवं दो पारणा मिलकर बत्तीस दिन होते हैं।
सोलहवें माह में - सोलह-सोलह उपवास पर पारणा करने से बत्तीस उपवास एवं दो पारणा मिलकर चौंतीस दिन होते हैं।
इस प्रकार यह तप त्रुटित एवं वृद्धि दिनों से 16 मास में पूर्ण होता है। इसमें कुल 73 पारणा एवं 407 उपवास होते हैं। इस तप के दिनों में उत्कुटुक आसन में बैठकर सूर्य की आतापना ली जाती है और रात्रि को वस्त्र रहित वीरासन में बैठकर ध्यान लगाना होता है।
• प्रवचनसारोद्धार आदि विधि ग्रन्थों में गुणरत्न संवत्सर तप इसी प्रकार बतलाया गया है।