SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 146
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 84... सज्जन तप प्रवेशिका इसका यन्त्र न्यास निम्न है - 1 ऋषभ अ. सं. श्रे. वासु. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. 21 21 21 21 1 1 21 21 2 1 2 1 2 1 2 1 1 1 वि. अ. ध. शां. कुं. म. मु. पा. वर्ध. तप दिन 71, उपवास 48, पारणा 23 अ. सु. प. सु. चं. सु. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. 21 21 21 21 21 21 3 - अ. - न. शी. दूसरी रीति- पंचाशक (19 / 9) के अनुसार ऋषभादि जिनेश्वरों की दीक्षा तप के जो महीने और तिथियाँ हैं उन महीनों और तिथियों में यह तप करना चाहिए। जैसे- ऋषभदेव भगवान के दीक्षा तप में चैत्र कृष्णा अष्टमी के दिन बेला तप करना चाहिए, महावीरस्वामी के दीक्षा तप में मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी के दिन बेला तप करना चाहिए। इसी प्रकार अन्य तीर्थङ्करों के दीक्षा तप के विषय में समझना चाहिए तथा ऋषभादि जिनों ने जिस द्रव्य से पारणा किया था उसी द्रव्य की प्राप्ति होना तप के निर्विघ्न पूर्ण होने का लक्षण है । इस प्रकार दूसरी विधि में उपवास की संख्या तो पूर्ववत निश्चित रहती है; किन्तु पारणा एवं कुल दिनों की संख्या का कोई निर्धारण नहीं होता । खमासमण 12 ሳ उद्यापन इस तप के पूर्ण होने पर एकाशन तप करके बृहत्स्नात्र विधि से परमात्मा की स्नात्र एवं अष्टप्रकारी पूजा करें तथा षट्विकृतियों से युक्त नैवेद्य चढ़ाएँ। . ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. उ. ए. 1 2 1 2 1 2 1 3 12 1 • प्रचलित विधि के अनुसार इस तप के उपवास दिनों में निम्न जापादि करने चाहिए लोगस्स 12 जाप जिस तीर्थङ्कर के दीक्षा - कल्याणक की आराधना की जा रही हो उनके नाम के साथ ‘नाथाय नमः' जोड़ें जैसे- श्री आदिनाथाय नमः, श्री अजितनाथाय नमः । साथिया 12 माला 20
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy