SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 102
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 40...सज्जन तप प्रवेशिका इस तप का यन्त्र न्यास निम्न है - रत्नावली GU । एक परिपाटी का काल 1 वर्ष, 3 मास 22 दिन तपस्या काल चार परिपाटी का काल 5 वर्ष, 2 मास 28 दिन । एक परिपाटी के तपो दिन 1 वर्ष, 24 दिन तप के दिन । चार परिपाटी के तपो दिन 4 वर्ष, 3 मास 6 दिन । एक परिपाटी के पारणे 88 पारणा दिन । । चार परिपाटी के पारणे 352 न 3131 (16313131316) 31313333 131313131313 3313133131 ७.3331313) Pleaaseem उद्यापन - आचारदिनकर में वर्णित विधि के अनुसार इस तपोद्यापन में बृहत्स्नात्र-विधि से स्नात्र पूजा करनी चाहिए। विविध प्रकार के मूल्यवान रत्नों की माला बनवाकर प्रभु के गले में पहनानी चाहिए। साधर्मी वात्सल्य एवं संघ पूजा करनी चाहिए। • प्रचलित परम्परा का अनुसरण करते हए इस तप के दिनों में 'नमो अरिहंताणं' की 20 माला एवं शेष क्रियाएँ 12-12 करें। साथिया खमासमण कायोत्सर्ग माला ___12 12 12 20
SR No.006259
Book TitleSajjan Tap Praveshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy