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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...31
हान मुद्रा विधि ____ सर्वप्रथम दोनों हाथ घुटनों पर रखें। फिर तर्जनी के अग्रभाग और अंगूठे के अग्रभाग को हल्के दबाव के साथ मिलाएँ तथा मध्यमा, अनामिका और कनिष्ठिका अंगुलियों को एक साथ सीधी रखना ज्ञान मुद्रा है।
निर्देश-1 इस मुद्रा के लिए पद्मासन श्रेष्ठ है वैसे वज्रासन, सुखासन आदि में भी यह मुद्रा की जा सकती है। विशेष स्थिति में कुर्सी-पट्टा पर भी बैठकर कर सकते हैं।
2. इस मुद्रा को सामान्यत: 48 मिनट करना चाहिए। यदि अनुकूलता हो तो अधिकतम समय भी की जा सकती है। शीघ्र परिणाम पाने के इच्छुक साधक को 48 मिनट का अभ्यास नियमित करना चाहिए। यदि किसी अन्य कार्य के लिए हाथ का उपयोग न हो रहा हो तो उस खाली टाईम में भी इस मुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है।
3. इस मुद्रा को करते समय दोनों हाथों को अच्छी तरह शिथिल रखें।