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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...93
• हृदय के साथ आत्म विचारों का तादात्म्य बनता है, स्वयं के प्रति स्वयं को टिकाये रखने की भूमिका निर्मित होती है और ध्यान क्षेत्र में रूचि बढ़ती है। ___ इस मुद्रा के द्वारा निम्न ग्रन्थियों आदि पर दबाव पड़ने से अन्य भी कई फायदे होते हैं
चक्र- मणिपुर, विशुद्धि एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि, वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज, थायमस, थायरॉइड एवं पैराथायरॉइड ग्रन्थि केन्द्र- तैजस, विशुद्धि एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली,
आँतें, पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, स्वरतंत्र, नाक, कान, गला, हृदय, फेफड़ें, मुख आदि। 23. अनुशासन मुद्रा
अनुशासन वैयक्तिक, पारिवारिक एवं सामाजिक विकास का शक्तिशाली शब्द है। प्रत्येक गतिविधि की सफलता का आधार अनुशासन बद्धता है। अनुशासन को साधना का प्राण भी कहा गया है। अनुशासन के बिना साधना
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अनुशासन मुद्रा