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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...47 3. शून्य मुद्रा
शून्य शब्द भावार्थक है। यह अनेक अर्थों में व्यवहृत होता है। यहाँ रिक्तता, पूर्णता, शान्ति, समृद्धि आदि के रूप में ग्रहण किया जा सकता है। किन्हीं ने शून्य शब्द को आकाश का पर्यायवाची कहा है इसीलिए यह मुद्रा मतान्तर से प्राप्त होती है। कहीं आकाश मुद्रा और शून्य मुद्रा को अलग-अलग परिभाषित किया गया है तो कहीं आकाश मुद्रा को शून्य मुद्रा और शून्य मुद्रा को आकाश मुद्रा कहा गया है। यहाँ शून्य मुद्रा को वर्णित किया जा रहा है।
शून्य मुद्रा विधि ___ इस मुद्रा की त्वरित सफलता के लिए वज्रासन में बैठें। फिर हथेली को सामने की ओर करते हुए मध्यमा अंगुली के अग्रभाग को अंगूठे के मूल भाग पर लगायें। तत्पश्चात उसके दूसरे पोर के ऊपर अंगूठे को हल्का सा दबाव देते हुए रखें तथा शेष अंगुलियों को सीधी रखते हुए शून्य मुद्रा बनती है।