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आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रचलित मुद्राओं का प्रासंगिक विवेचन ...41 1.6 बोधिसत्त्वज्ञान मुद्रा
भारतीय कोष का रहस्यपूर्ण शब्द है बोधिसत्त्व। बोधि का अर्थ हैअन्तर्ज्ञान, परमज्ञान, अव्यक्त ज्ञान । सत्त्व का अर्थ है निर्भयता, निडरता, वीरता । प्रस्तुत परिभाषा के अनुसार इस मुद्रा का अभ्यास अन्तर्ज्ञान की प्राप्ति एवं निर्भय दशा की उपलब्धि निमित्त किया जाता है।
विधि
बोधिसत्त्व द्र बनाने के लिए पहले दाहिने हाथ से ज्ञान मुद्रा करके हृदय के पास (समभाग) रखें। फिर बायें हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाहिने हाथ के ऊपर इस तरह रखें कि दोनों हाथों के अंगूठें और तर्जनी एक दूसरे से सम्पृक्त हों इस तरह बोधिसत्त्व ज्ञान मुद्रा होती है ।
बोधिसत्त्व ज्ञान मुद्रा
निर्देश - सुखासन या वज्रासन में स्थित होकर इस मुद्रा का 15 मिनट नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए ।
सुपरिणाम
ज्ञान मुद्रा में बताये गये सभी तरह के अच्छे परिणाम इस मुद्रा के प्रयोग से भी हासिल होते हैं। इसके अतिरिक्त ध्यान साधना में अपेक्षाधिक प्रगति होती है। इसी के साथ अभ्यास के अनुरूप वैचारिक निर्मलता, बौद्धिक क्षमता एवं