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40... आधुनिक चिकित्सा में मुद्रा प्रयोग क्यों, कब और कैसे?
तत्ववान मुद्रा
सुपरिणाम
इस मुद्रा के सहयोग से ज्ञान मुद्रा के अधिकांश लाभ हासिल होते हैं। इसी के साथ आत्मशक्ति के विज्ञानमय कोष खुलते हैं और उससे सूक्ष्म ज्ञान की प्रतीति होने लगती है। ____ इस मुद्राभ्यास से निम्न शक्ति केन्द्रों का परिशोधन होता है और उससे दुःसाध्य रोगों का भी उपचार हो जाता है__ चक्र- विशुद्धि एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिथायरॉइड, पैराथायरॉइड एवं पिनियल ग्रन्थ केन्द्र- विशुद्धि एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- कान, नाक, गला, मुँह, स्वरयंत्र, ऊपरी मस्तिष्क एवं आँख।