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सामान्य अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं का स्वरूप......33
विधि
चिन्मय मुद्रा • किसी भी ध्यान के एक आसन में बैठ जायें। फिर ज्ञान मुद्रा की भाँति ही तर्जनी अंगुली के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से अथवा मूल स्थान से हल्के दबाव के साथ स्पर्शित करें।
• फिर शेष तीनों अंगुलियों को इस तरह मोड़ें कि उनके अग्रभाग हथेली का स्पर्श करें अथवा हथेली को इंगित करें। फिर इस आकार में रही हई हथेलियों को ऊर्ध्वमुख या अधोमुख रूप से घुटनों पर रखना चिन्मय मुद्रा है। निर्देश 1. इस मुद्रा का प्रयोग वज्रासन अथवा वीरासन जैसे आसनों के साथ करें। 2. यदि वज्रासन में बैठकर मुद्राभ्यास करना चाहें तो हथेलियों को घुटनों के
बजाय जांघों पर रखें। यदि वीरासन में अभ्यास करने के इच्छुक हो तो हथेलियों को एक दूसरे
के ऊपर अथवा पैरों पर रखें। 3. इस मुद्रा का प्रयोग 15 से 20 मिनट तक अवश्य करें।