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सामान्य अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं का स्वरूप......31
चिन्मुद्रा विधि
यह मुद्रा किंचित अन्तर के साथ ज्ञान मुद्रा से मिलती-जुलती ही है। इस मुद्रा के सम्बन्ध में दो तरह की विधियाँ प्रचलित है। प्रथम विधि के अनुसार तर्जनी अंगुली के अग्रभाग को अंगूठे के मूल स्थान से स्पर्शित करें।
• द्वितीय विधि के अनुसार तर्जनी अंगुली के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से संयुक्त करें। ___ • उसके पश्चात शेष तीनों अंगुलियों को शरीर से दूर स्वयं की ओर सीधी एवं हथेली को ऊर्ध्वमुखी रखते हुए हाथों को घुटनों पर रखना चिन्मुद्रा है।। निर्देश
1. ज्ञान मुद्रा की भाँति हाथों को शिथिल रखें। 2. मुद्राभ्यास के समय ध्यान उपयोगी अनुकूल आसन में बैठे।
3. मुद्रा का उचित परिणाम हासिल करने के लिए 15 से 30 मिनट तक नियमित प्रयोग करना चाहिए।