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विशिष्ट अभ्यास साध्य यौगिक मुद्राओं की रहस्यपूर्ण विधियाँ ...127
7. उदरे पश्चिमोत्तानं, नाभेरूव॑न्तुकारयेत् । उड्डीयानं कुरुतेयत्, तदविश्रान्त महाखतः ।
(क) घेरण्डसंहिता, 3/9-10 (ख) हठयोग प्रदीपिका, 3/57 (ग) शिव संहिता, 4/72-73
(घ) गोरक्षसंहिता, 1/76-77 8. घेरण्ड संहिता, 3/10-11 9. शिव संहिता, 4/73-77 10. दत्तात्रेय संहिता, उद्धृत-घेरण्डसंहिता पृ. 81 11. हठयोग प्रदीपिका, 3/56, 58 12. वराह उपनिषत्, 5/41 13. कण्ठ संकोचनं कृत्वा, चिबुक हृदयेन्यसेत्
जालन्धरे कृते बन्धे, षोडशाधारबन्धनम् । जालन्धरं महामुद्रा, मृत्योश्च क्षय कारिणीं।
__ (क) घेरण्ड संहिता, 3/12 (ख) हठयोग प्रदीपिका, 3/70
. (ग) शिवसंहिता, 4/60 (घ) गोरक्ष संहिता, 1/78-79
(च) योगचूड़ामण्यूपनिषत्, 50-51 14. घेरण्ड संहिता, 3/12 15. योगचूड़ामण्यूपनिषत्, 45 16. घेरण्ड संहिता, 3/13 17. शिवसंहिता, 4/61-62 18. हठयोग प्रदीपिका, 3/71, 72,73 19. योगचूड़ामण्यूपनिषत्, 50-51 20. पाणिंना वामपादस्य, योनिमाकुंचयेत्ततः ।
नाभिग्रन्थिमेरूदण्डे, संपीड्य यत्नतः सुधीः ।।