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74... यौगिक मुद्राएँ : मानसिक शान्ति का एक सफल प्रयोग
मूलत: इस मुद्राभ्यास के माध्यम से अप्रत्यक्ष शक्तियों को प्रकट करते हुए नानाविध सिद्धियों को प्रत्यक्ष किया जाता है।
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महाबंध मुद्रा-II विधि
• सर्वप्रथम सुविधाजनक आसन में स्थिर हो जायें। शरीर एवं मन को शिथिल और एकाग्र करें। फिर बायें पैर की एड़ी से योनिमार्ग पर दबाव दें। फिर दाहिने पैर से प्रयत्न पूर्वक बायीं एड़ी को दबायें और शनैः शनैः गुह्यदेश का चालन करें। फिर धीरे-धीरे ही गुह्यदेश को संकुचित करें।
• इस वर्णित क्रिया के दौरान जालन्धर बंध अवश्य करें।27
.दोनों घुटनों को जमीन पर सटाते हुए, दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखते हुए, आँखें बंद करते हुए शरीर को शिथिल करते हुए गहरी श्वास लेना।
• फिर श्वास को भीतर ही रोकते हुए सिर को सामने झुकाकर ठुड्डी को कोलरबोन के बीच सटाकर रखना।
• फिर दोनों भुजाओं को सीधा रखते हुए जितनी देर श्वास रोक सकें, रोकना।