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हिन्दू परम्परा सम्बन्धी विविध कार्यों हेतु प्रयुक्त मुद्राओं... ...31
अंचित मुद्रा
लाभ
चक्र- मणिपुर एवं अनाहत चक्र तत्त्व- अग्नि एवं वायु तत्त्व ग्रन्थिएडीनल, पैन्क्रियाज एवं थायमस ग्रन्थि केन्द्र- तैजस एवं आनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- पाचन तंत्र, नाड़ी तंत्र, यकृत, तिल्ली, आँतें, हृदय, फेफड़ें, भुजाएं, रक्त संचरण तंत्र। 2. अराल मुद्रा ____ अराल शब्द का एक अर्थ है टेढ़ा या मुड़ा हुआ। इस मुद्रा में तर्जनी अंगुली किंचित मुड़ी होने के कारण इसे अराल मुद्रा कहा गया है।
यह मुद्रा हिन्दू परम्परा में देवताओं आदि के द्वारा धारण की जाती है। यह किसी पक्षी, सदोषता या विषपान करने की सूचक है। इस मुद्रा के कई रूप हैं उनमें यह हिन्दू परम्परा से सम्बन्धित है।