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298... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
लाभ
चक्र- मणिपुर एवं स्वाधिष्ठान चक्र तत्त्व- अग्नि एवं जल तत्त्व केन्द्रतैजस एवं स्वास्थ्य केन्द्र अन्थि- एड्रीनल, पैन्क्रियाज एवं प्रजनन ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली, आँतें, मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, पाचन तंत्र एवं नाड़ी तंत्र। 22. त्रिपिटक मुद्रा ____ भगवान बुद्ध के उपदेशों का बड़ा संग्रह जो उनके निर्वाण के उपरान्त उनके शिष्यों और अनुयायियों के द्वारा समय-समय पर किया गया। जिसे बौद्ध लोग अपना प्रधान धर्मग्रन्थ मानते हैं, वह त्रिपिटक कहलाता है।
यह ग्रन्थ तीन भागों में है- 1. सूत्र पिटक 2. विनय पिटक और 3. अभिधर्म पिटक।
इस मुद्रा के द्वारा त्रिपिटक जैसे महान् ग्रन्थों को जीवन में धारण करने का संदेश दिया जाता है।
हिन्दू और बौद्ध परम्परा में त्रिपिटक मुद्रा के दो प्रकार प्रसिद्ध हैं।
त्रिपिटक मुद्रा-1