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290... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
17. लोलहस्त मुद्रा ____ लोल शब्द हिलता-डोलता, चंचल, परिवर्तनशील आदि अर्थों में प्रयुक्त होता है। इस मुद्रा में हिलते हुए हाथ को दर्शाया जाता है इसलिए इस मुद्रा का नाम लोलहस्त है।
यह मुद्रा हिन्दू और बौद्ध दोनों परम्पराओं में समान रूप से मिलती है। यह मुद्रा उन देवी-देवताओं के लिए धारण की जाती है जिनका कोई चिह्न नहीं है और जो निम्न स्तर के हैं।
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लोलहस्त मुद्रा विधि ___ दायें हाथ को जंघा के पार्श्व भाग में नीचे की ओर लटकाते हुए हथेली एवं अंगुलियों को खुल्ला छोड़ देना लोलहस्त मुद्रा है।25 लाभ __चक्र- स्वाधिष्ठान एवं विशुद्धि चक्र तत्त्व- जल एवं वायु तत्त्व ग्रन्थिप्रजनन, थायरॉइड एवं पेराथायरॉइड ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य एवं विशुद्धि केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मल-मूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, कान, नाक, गला, मुँह, स्वर यंत्र।