________________
हिन्दू एवं बौद्ध परम्पराओं में प्रचलित मुद्राओं का स्वरूप......289 चतुर्थ विधि
सूची मुद्रा का अन्तिम प्रकार जापानी बौद्ध परम्परा से सम्बन्धित है। इस मुद्रा में दोनों हथेलियों को सटाकर अंगूठा, तर्जनी, अनामिका और कनिष्ठिका अंगुलियों को बाहर की तरफ अन्तर्ग्रथित तथा मध्यमाओं को ऊर्ध्व मुखरित कर आपस में दबाव डालते हुए रखते हैं।24
सूची मुद्रा-4
लाभ
चक्र- आज्ञा एवं सहस्रार चक्र तत्त्व- आकाश तत्त्व ग्रन्थि- पीयूष एवं पिनियल ग्रन्थि केन्द्र- दर्शन एवं ज्योति केन्द्र विशेष प्रभावित अंगमस्तिष्क, आँख एवं स्नायु तंत्र।