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218... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में नित्य पूजा सम्बन्धी मुद्राएँ
हिन्दू परम्परा के अनुसार प्रतिदिन पूजा-अर्चना करने वाले साधकों को निम्न पाँच मुद्राएँ अवश्यमेव करनी चाहिए। उनका वर्णन निम्न हैं- 10
1. प्रार्थना मुद्रा 2. अंकुश मुद्रा 3. कुन्त मुद्रा 4. कुम्भ मुद्रा 5. तत्त्व मुद्रा । उपर्युक्त अंकुश, कुन्त एवं तत्त्व ये तीन मुद्राएँ पूजा निमित्त स्नान के लिए उपयोगी कही गई हैं।
1. प्रार्थना मुद्रा
दोनों हाथों की दसों अंगुलियों को प्रसरित करें। फिर हृदय पर आमनेसामने रखते हुए मस्तक झुकाना प्रार्थना मुद्रा कहलाता है ।
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प्रार्थना मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र - मूलाधार एवं अनाहत चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं वायु तत्त्व केन्द्रशक्ति एवं आनंद केन्द्र ग्रन्थि - प्रजनन एवं थायमस ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग - मेरूदण्ड, गुर्दे, पैर, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ एवं रक्त संचरण तंत्र।