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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...217 पन्द्रहवीं मातृका न्यास मुद्रा
खड़े होकर दाहिनी हथेली से हृदय का स्पर्श करना, मातृका न्यास की पन्द्रहवीं मुद्रा है।
पन्द्रहवीं मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- अनाहत चक्र तत्त्व- वायु तत्त्व केन्द्र- आनंद केन्द्र ग्रन्थिथायमस विशेष प्रभावित अंग- हृदय, छाती एवं फेफड़ें।