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214... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में बारहवीं मातृका न्यास मुद्रा
खड़े होकर दायीं अनामिका से नाभि का स्पर्श करना, मातृका न्यास की बारहवीं मुद्रा है।
बारहवीं मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- मणिपुर, अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- अग्नि, वायु एवं आकाश तत्त्व केन्द्र- तैजस, आनंद एवं ज्योति केन्द्र ग्रन्थि- एडीनल, पैन्क्रियाज, थायमस एवं पीयूष ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली,
आँते, पाचन संस्थान, नाड़ी संस्थान, रक्त संचरण संस्थान, हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र।