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पूजोपासना आदि में प्रचलित मुद्राओं की प्रयोग विधियाँ ...215 तेरहवीं मातृका न्यास मुद्रा
खड़े होकर दाहिनी कनिष्ठिका से नाभि का स्पर्श करना, मातृका न्यास की तेरहवीं मुद्रा है।
तेरहवीं मुद्रा
सुपरिणाम
चक्र- स्वाधिष्ठान एवं विशुद्धि चक्र तत्त्व- जल एवं वायु तत्त्व केन्द्रस्वास्थ्य एवं विशुद्धि केन्द्र ग्रन्थि- प्रजनन, थायरॉइड एवं पेराथायरॉइड ग्रन्थि विशेष प्रभावित अंग- मलमूत्र अंग, प्रजनन अंग, गुर्दे, नाक, कान, गला, मुँह एवं स्वरयंत्र।