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110... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में
डमरुक मुद्रा प्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंगमेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव, स्नायु तंत्र, निचला मस्तिष्क।
शंकराचार्य रचित प्रपंचसार-सारसंग्रह में उपदिष्ट मुद्राएँ
प्रपंचसार-सारसंग्रह नामक कृति में पूजाराधना के समय दर्शायी जाने वाली चौपन हस्त मुद्राओं का वर्णन किया गया है। उनमें अधिकांश मुद्राएँ शारदातिलक तन्त्र पर रचित राघव भट्टीय टीका से मिलती-जुलती है। उन मुद्राओं के स्पष्टीकरण हेतु तत्सम्बन्धी मूल पाठों का उल्लेख करेंगे।
कुछ मुद्राओं में नाम समान हैं तो स्वरूप भिन्न है और कुछ मुद्राएँ अतिरिक्त हैं उन सभी का वर्णन इस प्रकार हैं1. आवाहनी मुद्रा
हस्ताभ्यामंजलिं कृत्वा, नामिकामूल पर्वणोः । अंगुष्ठौ निक्षिपेत्सेयं, मुद्रा त्वावहनी स्मृता ।।
प्रपंचसार, पृ. 463 देखिए, शारदातिलकतंत्र 23/107