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98... हिन्दू मुद्राओं की उपयोगिता चिकित्सा एवं साधना के संदर्भ में ग्रीवा से लेकर पाद-पर्यन्त शरीर का माला के समान स्पर्श करने पर वनमालिका मुद्रा बनती है।52
वनमाला मुद्रा
लाभ
चक्र- अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिथायमस एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- आनंद एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएं, रक्त संचरण प्रणाली, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र। 25. हयग्रीवा मुद्रा विधि
वामहस्ततले दक्षा, अंगुलीस्तास्त्वधोमुखीः । संरोप्य मध्यमां तासामुन्नम्याधो विकुंचयेत् ।। हयग्रीवप्रिया मुद्रा, तन्मूर्तेरनुकारिणी।