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शारदातिलक, प्रपंचसार आदि पूर्ववर्ती ग्रन्थों में उल्लिखित ......87
व्याख्यान मुद्रा
अंगूठा और तर्जनी के अग्र भागों को स्पर्शित कर शेष अंगुलियों को फैलाते हुए हथेली को स्वयं की ओर अभिमुख करना व्याख्यान
मुद्रा है।35
लाभ
चक्र- अनाहत चक्र तत्त्व- वायु तत्त्व अन्थि- थायमस ग्रन्थि केन्द्रआनंद केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- हृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण प्रणाली। 12. लक्ष्मी मुद्रा ____ लक्ष्मी, हिन्दुओं की एक प्रसिद्ध देवी, विष्णु की पत्नी और धन की अधिष्ठात्री मानी जाती है।36 यह मुद्रा लक्ष्मी देवी की सूचक है। इस मुद्रा के द्वारा लक्ष्मी का रूप दर्शाया जाता है। लक्ष्मी मुद्रा सर्व सम्पत्तियों को प्रदान करती है।