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270... जैन मुद्रा योग की वैज्ञानिक एवं आधुनिक समीक्षा
• पीनियल, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज के स्राव को संतुलित करते हुए यह मुद्रा कामेच्छा को नियंत्रित कर नेतृत्व, निर्णय एवं नियंत्रण शक्ति का विकास करती है। साधक में साहस, सहिष्णुता, निर्भयता, सकारात्मकता आदि गुणों का प्रकटन करती है एवं उसे तनावमुक्त रखती है। 25. मशीत मुद्रा
संस्कृत रूप मशक शब्द का पर्याय मशीत होना चाहिए। मशक अर्थात चमड़े का बना हुआ थैला, जिसमें पानी भरकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, वह मशक कहलाता है।
मुद्राविधि के उल्लेखानुसार मशीत मुद्रा का प्रयोग म्लेच्छ स्थान पर और पृष्ठ पट्ट स्थापना के अवसर पर किया जाता है।
म्लेच्छ जाति के मनुष्य गोमांस भक्षी, विरुद्ध भाषी, सदाचार विहीन होते हैं, सदा पाप कर्म में रत रहते हैं। यह मुद्रा बाह्य अशुद्धि को दूर करने एवं पाप कर्म को धोने के प्रतीक रूप में दिखायी जाती है।
इसका बीज मन्त्र ‘छ' है।
मशीत मुद्रा