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________________ भरतमुनि रचित नाट्य शास्त्र की मुद्राओं का स्वरूप......31 बनाये रखने की दृष्टि से यहाँ सर्वप्रथम भरतमुनि के नाट्य शास्त्र में वर्णित मुद्राओं का विवेचन किया जा रहा है। यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि भरत नाट्य की मुद्राओं का उल्लेख 'द मिरर ऑफ गेश्चर' में भी प्राप्त होता है, किन्तु उसमें इन मुद्राओं का आशय समान होने पर भी स्वरूपत: किंचित भिन्न हैं। इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ द्वारा उपदिष्ट नाट्यकला की गरिमा को दिगन्त व्यापी बनाने एवं आदिम युग की इस धरोहर को स्थायित्व प्रदान करने हेतु प्रस्तुत अध्याय में उपरोक्त दोनों प्रकार की मुद्राओं का उल्लेख करेंगे। इस तरह भरत नाट्य सम्बन्धी हस्त मुद्राओं की दो विधियाँ कही जाएंगी। इनमें प्रथम विधि 'द मिरर ऑफ गेश्चर' पर आधारित है और द्वितीय विधि भरत मुनि रचित नाट्य शास्त्र के अनुसार समझिएगा। भरत के नाट्य शास्त्र में हस्त मुद्राओं के तीन प्रकार पाये जाते हैं 1. असंयुक्त हस्त मुद्रा 2. संयुक्त हस्त मुद्रा 3. नृत्तहस्त मुद्रा। 1. असंयुक्त हस्त मुद्राएँ नाट्य में एक हाथ के अभिनय से जिन भावों को प्रदर्शित किया जाता है उसे असंयुक्त हस्त मुद्रा कहते हैं। भरतमुनि ने असंयुक्त हस्त मुद्रा चौबीस प्रकार की बतलाई हैं 1. पताका मुद्रा 2. त्रिपताका मुद्रा 3. कर्तरीमुख मुद्रा 4. अर्धचन्द्र मुद्रा 5. अराल मुद्रा 6. शुक्रतुण्ड मुद्रा 7. मुष्टि मुद्रा 8. शिखर मुद्रा 9. कपित्थ मुद्रा 10. कटका मुख मुद्रा 11. सूच्यास्य (सूचीमुख) मुद्रा 12. पद्मकोश मुद्रा 13. सर्पशीर्ष मुद्रा 14. मृगशीर्ष मुद्रा 15. काङ्गुल मुद्रा 16. अलपद्म मुद्रा 17. चतुर मुद्रा 18. भ्रमर मुद्रा 19. हंसास्य (हंसमुख) मुद्रा 20. हंसपक्ष मुद्रा 21. सन्दंश मुद्रा 22. मुकुल मुद्रा 23. ऊर्णनाम मुद्रा 24. ताम्रचूड़ मुद्रा। संयुक्तहस्त मुद्राएँ नाट्य में दोनों हाथों को परस्पर मिलाकर जो भावाभिनय प्रस्तुत किया जाता है उन्हें संयुक्त मुद्रा कहते हैं। भरतमुनि ने संयुक्त हस्त मुद्रा तेरह प्रकार की निर्दिष्ट की है 2__ 1. अंजलि मुद्रा 2. कपोत मुद्रा 3. कर्कट मुद्रा 4. स्वस्तिक मुद्रा 5. खटका वर्धमान या कटका वर्धमान मुद्रा 6. उत्संग मुद्रा 7. निषध मुद्रा 8.
SR No.006253
Book TitleNatya Mudrao Ka Manovaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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