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शिल्पकला एवं मूर्तिकला में प्राप्त हस्त मुद्राएँ......323 भरहुत से प्राप्त एक देवता मूर्ति, अजन्ता के चित्र में स्त्री का हाथ, बेलूर के चेन्नकेशव मन्दिर में एक स्त्री मूर्ति का बायां हाथ इसी मुद्रा में है।55 अर्धचन्द्र हस्त मुद्रा (छवि चित्र 10) । हाथ की अंगुलियों को अंगूठे के साथ धनुष की तरह झुका कर फैला देना अर्धचन्द्र मुद्रा है।
माभल्ल्पुरम् से प्राप्त स्त्री की एक मूर्ति का दाहिना हाथ, चोल कालीन कांस्य की एक बाल गोपाल मूर्ति (12वीं शती) का बायां हाथ, एहोल के दुर्गा मन्दिर में प्रदर्शित एक स्त्री-पुरुष के मिथुन अंकन में पुरुष का दायां हाथ इसी मुद्रा में है।56
छवि चित्र-10 अर्धचन्द्र हस्त मुद्रा, अजन्ता
शिल्प, ई. छठी शती।
हंसास्य हस्त मुद्रा
जब अनामिका और कनिष्ठिका फैली हुई तथा तर्जनी, मध्यमा एवं अंगूठे के अग्रभाग मिले हुए हो तो हंसास्य मुद्रा बनती है। आबू के तेजपाल मन्दिर में नृत्यांगनाओं के हाथ इसी हस्त मुद्रा में पहचाने गये हैं।57