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भारतीय परम्परा में प्रचलित मुद्राओं की विधि एवं उद्देश्य......283 4. ननंद मुद्रा
पति की बहन ननंद कहलाती है। यह ग्यारह मुद्राओं में से ननंद और भाभी के सम्बन्ध को दर्शाती है। इस नाट्य मुद्रा को दोनों हाथों से करते हैं। विधि ___दायी हथेली को बाहर की तरफ रखें। फिर तर्जनी, मध्यमा और अंगूठा ऊपर उठे हुए, तर्जनी और मध्यमा हल्की सी अलग हुई अवस्था में रहें, अनामिका और कनिष्ठिका हथेली के भीतर झुकी हुई रहें। ___ बायें हाथ को मध्यभाग के सन्मुख रखें। अंगुलियों एवं अंगूठे को प्रसरित करते हुए उदर के निचले हिस्से पर रखने से ननंद मुद्रा बनती है।
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ननंद मुद्रा लाभ
चक्र- अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थिथायमस एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- आनन्द एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित अंगहृदय, फेफड़ें, भुजाएँ, रक्त संचरण तंत्र, निचला मस्तिष्क एवं स्नायु तंत्र।