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262... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन विशुद्धि एवं शक्ति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- निचला मस्तिष्क, स्नायु तंत्र, नाक, कान, गला, मुँह, स्वर यंत्र, मेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव। 70. शैव्य मुद्रा
यह मुद्रा शैव्य नामक एक प्रसिद्ध शासक की सूचक है। इसे नाटक करते वक्त संयुक्त हाथों से दिखाते हैं। इसकी विधि निम्न
प्रकार है
विधि
दोनों हाथों में समान मुद्रा होती है। हथेलियाँ ऊपर की तरफ, तर्जनी नीचे की ओर फैली हुई, मध्यमा और अनामिका हथेली में मुड़ी हुई, कनिष्ठिका किंचित झुकी हुई और अंगूठा मध्यमा को स्पर्श करता हुआ रहने पर शैव्य मुद्रा बनती है।
यह मुद्रा कंधों के स्तर पर धारण की जाती है। इस मुद्रा को एक हाथ से करने पर सुचि मुद्रा बनती है।56
शैव्य मुद्रा