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258... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन तैजस, दर्शन एवं शक्ति केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र, स्नायु तंत्र, निचला मस्तिष्क, मेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव। 66. संयम नायक मुद्रा
यह मुद्रा वृक्ष से सम्बन्धित है। विद्वानों ने इस मुद्रा को अमलक वृक्ष का सूचक कहा है।
नाट्यकला के समय यह मुद्रा एक हाथ से दिखायी जाती है। विधि __दायीं हथेली सामने की ओर अभिमुख, तर्जनी और मध्यमा हथेली में मुड़ी हुई तथा अंगूठा, अनामिका और कनिष्ठिका ऊपर की ओर सीधी रहने पर संयम नायक मुद्रा बनती है।52
संयम नायक मुद्रा लाभ
चक्र- स्वाधिष्ठान एवं आज्ञा चक्र तत्त्व- जल एवं आकाश तत्त्व अन्थि- प्रजनन एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र- स्वास्थ्य एवं दर्शन केन्द्र विशेष