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254... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
61. पाटली मुद्रा
पाटली शब्द कई अर्थों में प्रयुक्त होता है। यहाँ पाटली मुद्रा पाटली वृक्ष से सम्बन्धित है। यह नाटक आदि में इस वृक्ष को दर्शाने हेतु धारण की जाती है।
इस मुद्रा
को शुकतुण्ड मुद्रा के समान समझना चाहिए।
पुरुकुत्स मुद्रा
यह नाट्य मुद्रा एक वीर शासक पुरुकुत्स की सूचक है। इसे अलपद्म मुद्रा के समान जानना चाहिये।
पुरुरवस् मुद्रा
यह मुद्रा प्रसिद्ध योद्धा पुरुरवस् की सूचक है तथा इसे मुष्टि मुद्रा के समान माना गया है।
62. पूग मुद्रा
यह नाटक परम्परा की प्रसिद्ध मुद्रा है। इसे संयुक्त हाथों से धारण करते हैं। विद्वानों
के
अनुसार यह मुद्रा सुपारी या पुंगीफल के वृक्ष की सूचक है। संस्कृत में सुपारी को पूग कहते हैं अतः यह सुपारी के भाव कोदर्शित करती है।
विधि
दोनों हथेलियाँ
ऊपर की अंगुलियाँ और अंगूठे अलग-अलग किये हुए और हल्के से अन्दर की तरफ घूमते
तरफ,
पूग मुद्रा