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232... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
29. खड्ग-मुकुल मुद्रा
खड्ग अर्थात तलवार, मुकुल अर्थात कलि । जिस खड्ग को कलि के रूप में दर्शाया गया हो वह खड्ग-मुकुल मुद्रा कहलाती है।
यह मुद्रा नाटक आदि में एक हाथ से की जाती है।
विधि
दायीं हथेली को बाहर की ओर अभिमुख करें, फिर तर्जनी को ऊर्ध्व प्रसरित कर आगे-पीछे करते रहें तथा शेष अंगुलियों को अंगूठे के अग्रभाग के निकट लाने पर खड्ग-मुकुल मुद्रा बनती है। 29
लाभ
खड्ग-मुकुल मुद्रा
चक्र - मूलाधार एवं मणिपुर चक्र तत्त्व - पृथ्वी एवं अग्नि तत्त्व ग्रन्थि - प्रजनन एड्रीनल एवं पेन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र - शक्ति एवं तैजस केन्द्र विशेष प्रभावित अंग - मेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव, यकृत, तिल्ली, आँतें, नाड़ी तंत्र, पाचन तंत्र।