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230... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन
27.
केतकी
मुद्रा
केतकी शब्द अनेकार्थक है। इसका एक अर्थ केवड़ा है। विद्वानों के मतानुसार यह मुद्रा केतकी या केवड़ा वृक्ष की सूचक है।
यह मुद्रा नाटक- नृत्य में दोनों हाथों से की जाती है।
विधि
दाहिनी हथेली को बाहर की तरफ अभिमुख करें, अंगुलियों और अंगूठे को शिथिल रूप से ऊपर की ओर फैलायें और किंचित झुकायें।
बायीं हथेली को भी सामने की तरफ करते हुए अंगुलियों को एक साथ ऊपर की ओर फैलायें, कनिष्ठिका को हल्की सी अलग करें, अंगूठे के अग्रभाग को अनामिका के निचले हिस्से से स्पर्श करवायें तथा दोनों हाथों को कलाई पर Cross करते रखने पर केतकी मुद्रा बनती है । 27
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केतकी मुद्रा
लाभ
चक्र- अनाहत एवं आज्ञा चक्र तत्त्व - वायु एवं आकाश तत्त्व ग्रन्थि - थायमस एवं पीयूष ग्रन्थि केन्द्र - आनंद एवं दर्शन केन्द्र विशेष प्रभावित