________________
भारतीय परम्परा में प्रचलित मुद्राओं की विधि एवं उद्देश्य......227 24. कार्तवीर्य मुद्रा
कृतवीर्य का पुत्र कार्तवीर्य कहलाता है। कार्तवीर्य नाम का राजा तन्त्रशास्त्र का आचार्य माना जाता था, उसके हजार हाथ थे। कहते हैं उसे परशुराम ने मारा था। कार्तवीर्य उस युग का प्रसिद्ध शासक था, यह मुद्रा उसी कार्तवीर्य की सूचक है।24 विधि
दोनों हाथों को पताका मुद्रा की भाँति बनाकर, उन्हें कंधों के सम स्तर पर धारण करने से कार्तवीर्य मुद्रा बनती है।
कार्तवीर्य मुद्रा लाभ
चक्र- मूलाधार एवं मणिपुर चक्र तत्त्व- पृथ्वी एवं अग्नि तत्त्व ग्रन्थिप्रजनन, एड्रीनल एवं पैन्क्रियाज ग्रन्थि केन्द्र- शक्ति एवं तैजस केन्द्र विशेष प्रभावित अंग- मेरूदण्ड, गुर्दे, पाँव, यकृत, तिल्ली, आँतें, पाचन तंत्र।