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________________ 218... नाट्य मुद्राओं का एक मनोवैज्ञानिक अनुशीलन 15. चक्रवाक मुद्रा चक्रवाक शब्द चकवा पक्षी का द्योतक है। यह मुद्रा चकवा पक्षी की ओर इंगित करके दिखाई जाती है। चकवा अपने जोड़े से बहुत प्रेम करता है, वियोग होने पर दोनों की दशा करूण हो जाती है। ____पुराने समय से ऐसा सुना जाता है कि रात्रि के समय चकवा-चकवी अलग-अलग रहते हैं और दिन में प्राय: साथ रहते हैं। कवियों ने इनके वियोग के सम्बन्ध में कई रचनाएँ की है। प्रेमियों के विरह दशा को व्यक्त करने में सबसे अधिक प्रयुक्त होने वाली यह उपमा है। ___ यह मुद्रा नाट्य आदि में एक हाथ से की जाती है। विधि दायीं अथवा बायीं हथेली को ऊपर की तरफ इस तरह घुमाये कि अंगुलियों पर तनाव पड़े और वे अलग-अलग तथा कड़क दिखने लगे। इसमें कनिष्ठिका 90° कोण पर और अनामिका 45° कोण की दूरी पर रहें तब चक्रवाक मुद्रा बनती है। यह सोला पद्म मुद्रा के समान है।15 चकवाक मुद्रा
SR No.006253
Book TitleNatya Mudrao Ka Manovaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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