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________________ अभिनय दर्पण में वर्णित अतिरिक्त मुद्राओं के सुप्रभाव......197 13. खट्वा मुद्रा खटिया अथवा पलंग को खट्वा कहते हैं। इस मुद्रा में चार पैर वाले खटिया जैसा प्रतिरूप दिखाई देता है अत: इसे खट्वा मुद्रा कहा गया है। ___ यह नाटक मुद्रा दोनों हाथों से की जाती है। विधि दोनों हाथों को चतुर मुद्रा की तरह बनाकर उन्हें एक-दूसरे के सम्मुख करें, फिर तर्जनी और अंगूठों को पृथक्-पृथक् फैला देने पर खट्वा मुद्रा बनती है। ___ इन्साइक्लोपीडिया के अनुसार इस मुद्रा में हथेली ऊपर की ओर, मध्यमा और अनामिका हथेली की तरफ मुड़ी हुई, अंगूठा दोनों के दूसरे जोड़ को स्पर्श करता हुआ तथा तर्जनी और कनिष्ठिका नीचे की तरफ रहती है।30 खट्वा मुद्रा लाभ चक्र- अनाहत एवं विशुद्धि चक्र तत्त्व- वायु तत्त्व अन्थि- थायमस, थायरॉइड एवं पेराथायरॉइड ग्रन्थि केन्द्र- आनंद एवं विशुद्धि केन्द्र विशेष
SR No.006253
Book TitleNatya Mudrao Ka Manovaigyanik Anushilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages416
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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